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\इस्लामाबाद. पाकिस्तान की एक अदालत ने गैर-इस्लामिक निकाह मामले में पहले से जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को सात साल कैद की सजा सुनाई. कोर्ट ने यह फैसला आम चुनाव से एक हफ्ता पहले शनिवार को सुनाया.
2022 के बाद से 71 वर्षीय इमरान खान की यह चौथी सजा है. इससे 8 फरवरी को होने वाले चुनाव से पहले पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के संकटग्रस्त संस्थापक की मुश्किलें बढ़ गई हैं. बता दें कि बुशरा बीबी के पूर्व पति खावर फरीद मानेका ने इमरान पर कई गंभीर आरोप लगाए थे.
खावर फरीद ने कहा था कि इमरान खान ने बुशरा बीबी के अनुयायी बनकर घर में प्रवेश किया था और धीरे-धीरे उनकी शादी तुड़वाकर खुद साल 2018 में बुशरा बीबी से निकाह कर लिया. फरीद ने इल्जाम लगाते हुए कहा था कि उनकी शादी ठीक चल रही थी, लेकिन इमरान की वजह से टूट गई. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार को रावलपिंडी के अदियाला जेल परिसर के अंदर 14 घंटे तक मामले की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया था. शनिवार को वरिष्ठ सिविल जज कुदरतुल्ला ने फैसला सुनाया. फैसला सुनाए जाने के समय इमरान खान और बुशरा दोनों अदालत कक्ष में मौजूद थे. इस सप्ताह की शुरुआत में 71 वर्षीय इमरान खान को सिफर मामले में 10 साल और तोशाखाना मामले में 14 साल की सजा सुनाई गई थी. पिछले साल 5 अगस्त को उनको गिरफ्तार किया गया था.
पार्टी फैसले को चुनौती देगी गैर-इस्लामिक निकाह मामले में जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को सात साल की सजा को उच्च न्यायालय में चुनौती दी जाएगी. उनकी पार्टी ने शनिवार को कहा और दावा किया कि उनके साथ हुए अन्याय का मतदाता 8 फरवरी को बदला लेंगे.