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भारत का म्यांमार के साथ मुक्त आवाजाही खत्म करने का फैसला

भारत ने म्यांमार के साथ मुक्त आवाजाही यानी फ्री मूवमेंट रेजीम (एफएमआर) को खत्म करने का फैसला किया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश की आंतरिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने और म्यांमार सीमा से लगे भारत के नॉर्थईस्ट में डेमोग्राफिक ढांचे को कायम रखने के उद्देश्य से ये कदम उठाया है.

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संकल्प देश की सीमाओं को सुरक्षित करना है. गृहमंत्री ने कहा कि जब तक विदेश मंत्रालय एफएमआर को खत्म करने की प्रक्रिया पूरी कर रहा है, तब तक गृह मंत्रालय ने इसे तत्काल रद्द करने की सिफारिश की है. गौरतलब है कि भारत सरकार ने मंगलवार को पूरी म्यांमार सीमा पर बाड़बंदी का फैसला किया था. सरकार ने म्यांमार सीमा से अवैध घुसपैठ रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं.

आखिर क्या है मुक्त आवाजाही भारत- म्यांमार सीमा पर मुक्त आवागमन की व्यवस्था को केंद्र सरकार ने 2018 में इंडिया एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत लागू किया गया था. इसके तहत भारत- म्यांमार सीमा पर लोग बिना वीजा के 16 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकते हैं. अब इस व्यवस्था पर विराम लग जाएगा.

सीमा पार करने के लिए बॉर्डर पास एफएमआर के तहत भारत- म्यांमार सीमा के 16 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोग बॉर्डर पास से सीमा को पार कर सकते हैं. पास की वैधता एक साल होती थी. सीमा पार करने वाला व्यक्ति लगातार दो सप्ताह दूसरी सीमा में रह सकता था.

बीआरओ करेगा बाड़बंदी का काम

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) भारत से लगती 1643 किलोमीटर लंबी म्यांमार सीमा पर बाड़बंदी करेगा. आधुनिक बाड़बंदी में करीब 30 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे और काम पूरा होने में पांच साल से अधिक का समय लग सकता है.

निर्णायक कदम हिमंत

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि म्यांमार के साथ मुक्त आवागमन बंद करने का फैसला सरकार का निर्णायक कदम है. इस फैसले से उत्तर पूर्वी राज्यों में घुसपैठ के मामले खत्म होंगे. म्यांमार सीमा पर बाड़बंदी के बीच गृह मंत्रालय का ये फैसला भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए अहम है.

 

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