रायगढ़. जिंदल द्वारा स्थापित पूँजीपत्रा स्थित इंडस्ट्रियल पार्क में सैकड़ो इंडस्ट्रीज इस्थापित हैं जिनको जिंदल ने निर्धारित दर पे अपनी ही बजली बेचने का करार करवाया था और ये इंडस्ट्रीज सालों से वहा चल रहीं थी.
जिंदल के करार के अनुसार वहाँ स्थापित कोई भी इंडस्ट्री को बाहर से या सरकार से बिजली लेने की अनुमति नही है। इन इंडस्ट्रीज की वजह से वहां के हजारों मजदूरो को रोजगार मिल रहा था.
मगर पिछले कुछ महीनों से जिंदल ने तानाशाही रवैया इफ्तेयार करते हुए बिजली की दरों को बेहिसाब बढ़ा दिया है जोकि जिंदल के ही किये हुए करार के खिलाफ है.
इन बढ़ी हुई दरो के खिलाफ जो भी इंडस्ट्री आवाज़ उठा रही है या तो उनकी बिजली काट दी जा रही है या तो दिन में मात्र 2 से 4 घंटे ही दी जा रही है. ऐसे में इन इंडस्ट्रीज को चलाना और मजदूरो का पेट पालना दुर्बल हो गया है. इन कारखानों के मालिकों ने जिंदल के इस तानाशाही रवैये के खिलाफ हाई कोर्ट में भी केस दर्ज करवाइये जिसे ये जीत भी चुके हैं.