वाशिंगटन, 20 अगस्त पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फ्लोरिडा स्थित आवास पर एफबीआई की छापेमारी के कारण ‘गुप्त दस्तावेजों की जब्ती’ हुई और पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के आधिकारिक जानकारी वाले पहले हुई निजी ईमेल की जांच पूरी तरह से दो अलग-अलग मुद्दे हैं, जिनकी कोई तुलना नहीं है. कानूनी पंडित इस बारे में अलग-अलग राय देते हैं.
जब एफबीआई ने पिछले हफ्ते ट्रम्प के मार-ए-लागो एस्टेट में एक तलाशी वारंट को अंजाम दिया, तो संघीय अधिकारियों ने खोज से प्राप्त संपत्ति की रसीद के अनुसार, गोपनीय या गुप्त के रूप में चिह्न्ति दस्तावेजों के 11 सेट बरामद किए.
जबकि जांच पर ध्यान केंद्रित करने वाले प्रश्न अनुत्तरित हैं – विशेष रूप से ट्रम्प स्वयं जांच का लक्ष्य थे – राजनीतिक स्पेक्ट्रम के कानूनी पंडित पूर्व राष्ट्रपति के घर की खोज और हिलेरी क्लिंटन के ईमेल को लेकर एफबीआई की जांच के बीच समानताएं और मतभेदों को उजागर करने के लिए तत्पर थे.
मीडिया रिपोटरें में कहा गया है कि दोनों जांच सरकार के उच्चतम स्तर पर शीर्ष अधिकारियों द्वारा गोपनीय जानकारी के संभावित दुरुपयोग से जुड़ी हैं, हालांकि, हिलेरी क्लिंटन के मामले में, अधिकारी राज्य के पूर्व सचिव द्वारा एक निजी ईमेल खाते के उपयोग को देख रहे थे. अपने कर्मचारियों के साथ संचार के लिए -उस पत्राचार में से कुछ में बाद में गोपनीय जानकारी पाई गई थी. ट्रंप के मामले में, जांच पूर्व राष्ट्रपति के फ्लोरिडा स्थित घर से मिले गोपनीय दस्तावेजों के बक्सों से हुई है.
हार्वर्ड लॉ स्कूल में एक प्रसिद्ध वकील और प्रोफेसर एमेरिटस एलन डशरेविट्ज का कहना है कि दो जांचों की तुलना करना, और यह सवाल करना कि क्या कानूनी प्रक्रिया को समान रूप से लागू किया जा रहा है, उचित है.