छत्तीसगढ़

लॉकडाउन और अक्षय तृतीया, सोना-चांदी विक्रेता और खरीदार चिंतित, होम डिलीवरी की इजाजत नहीं

अक्षय तृतीया पर हर साल जितना सोना बिकता है वो पूरे साल के सोने की बिक्री का तीन से चार प्रतिशत तक होता है। पर इस साल अक्षय तृतीया 26 अप्रैल को तालाबंदी के दौरान आ रही है और खरीदारों से ज्यादा विक्रेता चिंतित हैं। यह त्योहार हिन्दू कैलेंडर विक्रम संवत के वैशाख महीने में आता है और हिन्दू परिवारों में ऐसी मान्यता है कि इस दिन अपनी क्षमता के अनुसार सोना जरूर खरीदना चाहिए। इस साल अक्षय तृतीया 26 अप्रैल को तालाबंदी के दौरान आ रही है। सोना-चांदी की दुकानें बंद होने की वजह से करोड़ों हिन्दू परिवार सोना नहीं खरीद पाएंगे। होम डिलीवरी की भी इजाजत नहीं है। लेकिन खरीदारों से ज्यादा चिंतित विक्रेता हैं। 2019 में अक्षय तृतीया पर 23 टन सोना बिका था, यानी 30 अरब रुपये से भी ज्यादा का व्यापार। हर साल इस तिथि पर जितना सोना बिकता है वो पूरे साल के सोने की बिक्री का तीन से चार प्रतिशत तक होता है।

ग्राहक चाहे तो घर पर डिलीवरी भी हो सकती है। इसमें सरकारी कंपनी एमएमटीसी से ले कर तनिष्क और कल्याण जैसी सोना-चांदी के आभूषण इत्यादि बेचने वाली कंपनियां और पेटीएम जैसी वित्तीय टेक्नोलॉजी वाली कंपनियां भी शामिल हैं।

एमएमटीसी स्विट्जरलैंड की कंपनी पीएमपी के साथ मिलकर डिजिटल सोना खरीदने की सुविधा दे रही है। ये बैंकों, ब्रोकिंग कंपनियों और पेटीएम जैसी कंपनियों के जरिए मिलता है। सोने में निवेशकों का हमेशा भरोसा रहता है और संकट के समय यह भरोसा और गहरा जाता है। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से फैली महामारी के बीच इस समय सोने की मांग में भारी उछाल देखने को मिल रही है। थोक व्यापारी और खुदरा ग्राहक दोनों ही सोना खरीदने की होड़ में लगे हैं।

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