देश के कई राज्यों सहित राजस्थान में बीते करीब दो महीने से गायों में लंपी डिजीज कहर बरपा रहा है. गायों के लिए प्राण घातक साबित हो रही इस बीमारी से अब तक राजस्थान में 29 लाख 24 हजार 157 गायें संक्रमित हुईं हैं, जिनमें से 50 हजार 366 गायों की मौत हो चुकी है. राजस्थान की गहलोत सरकार हो या केंद्र सरकार, शुरुआत में इस बीमारी पर किसी ने ध्यान नहीं दिया. नतीजा ये हुआ कि जो गाय देश की राजनीति में सबसे ज्यादा प्रभाव रखती हैं
क्या है लंपी वायरस…
जो वायरस राजस्थान में गायों का काल बना हुआ है, जरा उसके बारे में जान लीजिए. लंपी स्कीन डिजीज जिस वायरस के कारण होती है, उसका नाम Capripoxvirus है. ये बीमारी गायों और भैसों को होती है. ये वायरस गोटपॉक्स और शिपपॉक्स फैमिली का है. लंपी वायरस मवेशियों में मच्छर या खून चूसने वाले कीड़ों के जरिए फैलता है.
लंपी वायरस के लक्षण…
हल्का बुखार आना, शरीर पर दाने निकलना, दाने घाव में बदलना, जानवर की नाक बहना, मुंह से लार आना और दूध देना कम हो जाता है.
बताते चलें, साल 2020 में देश में कोरोना फैला तो चाहे केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार तुरंत सक्रिय हुईं और कोरोना की रोकथाम में जुट गईं. नतीजा ये हुआ कि अकेले राजस्थान में जहां एक करोड़ 31 लाख 12 हजार 216 लोग कोरोना संक्रमित हुए. वहीं, सरकार के प्रयास के चलते कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा भयावह नहीं हुआ और दो साल में 9 हजार 629 लोगों की मौत हुई.
क्या है देसी नुस्खा बाबा गोपेश दास का?
बाबा गोपेश दास ने सभी गौपालकों को सुझाव दिया है कि लंपी वायरस से अपने गौवंश को बचाने के लिए इस देशी नुस्खा का प्रयोग करें. काली मिर्च 10 ग्राम, हल्दी एक चम्मच, आंवला 25 ग्राम, सौठ 25 ग्राम,गुड़ 100 ग्राम को एक साथ मिलाकर गोवंश को खिलाया जाए. साथ ही नीम और फिटकरी के पानी से गाय को नहलाना चाहिए.
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