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कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के बीच महाराष्ट्र सरकार के शीर्ष अधिकारी की ओर से लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां गृह विभाग के प्रधान सचिव (विशेष) के तौर पर पदस्थ आईपीएस अधिकारी अमिताभ गुप्ता ने DHFL के प्रमोटर कपिल और धीरज वाधवान के परिवार के लिए इमरजेंसी पास जारी किया। अमिताभ गुप्ता ने आधिकारिक पत्र में लिखा, ‘निम्न लिखित (व्यक्ति) को मैं अच्छी तरह से जानता हूं क्योंकि वे मेरे पारिवारिक मित्र हैं और परिवार में इमरजेंसी के कारण वह पुणे के खंडाला से सतारा के महाबलेश्वर तक की यात्रा कर रहे हैं। इन्हें गंतव्य तक पहुंचने में सहयोग किया जाए।’ इस पत्र में वाधवान परिवार के 5 वाहनों की डिटेल भी दी गई थी। हालांकि उनके इस कदम से मुख्यमंत्री ठाकरे नाराज हो गए, क्योंकि सरकार सभी लोगों को घर में रहने की सलाह दे रही है।
इसी पास के आधार पर वाधवान फैमिली के 23 लोग बुधवार को 5 गाड़ियों में सवार होकर खंडाला से महाबलेश्वर स्थित अपने फार्महाउस पहुंच गए। उनके साथ गार्ड और रसोइए भी गए हैं। लापरवाही के मामले में आईपीएस गुप्ता को अनिवार्य छुट्टी पर भेजा गया है। वाधवान परिवार एक बिल्डिंग में क्वारैंटाइन है।
यह घटना गुरुवार शाम को सामने आई जब वे मुंबई से करीब 260 किलोमीटर दूर महाबलेश्वर में अपने बंगले पर पहुंचे। स्थानीय लोगों ने स्थानीय पुलिस को सतर्क किया, जिसके बाद पुलिस की एक टीम ने उनके बंगले का दौरा किया।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले में जांच की मांग की थी। इसके अलावा भाजपा नेता किरीट सोमैया ने गुप्ता की ओर से जारी लेटर की कॉपी ट्वीट करते हुए लिखा- उद्धव ठाकरे सरकार वाधवान परिवार को VVIP ट्रीटमेंट दे रही है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) दोनों ने सतारा पुलिस से संपर्क किया है और उन्हें अपनी हिरासत में ले लिया। सीबीआई की एक विशेष अदालत ने पिछले महीने यस बैंक मामले में जांच में शामिल होने में विफल रहने के लिए दोनों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी किया है।