छत्तीसगढ़

नरवा ने बदल दी जिंदगी, अब बढ़ने लगा जलस्तर

राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी ‘‘नरवा विकास’’ योजना के तहत कावरा नाला में हुए भू-जल संवर्धन संबंधी कार्य सुदूर वनांचल में विकास का कारवां लेकर आया है। गौरतलब है कि वनांचल में स्थित कावरा नाला में 97 लाख 79 हजार रूपए की लागत से 73 भू-जल संवर्धन संबंधी विभिन्न संरचनाओं का निर्माण किया गया है। इससे लगभग 10 किलोमीटर लंबाई के कावरा नाला में कुल जल संग्रहण क्षेत्रफल अंतर्गत 11 हजार 974 हेक्टेयर में से वन क्षेत्र के लगभग 3 हजार हेक्टेयर को उपचारित किया गया है।
नरवा विकास योजना के अंतर्गत राज्य के वनांचल में कैम्पा मद से काफी तादाद में नरवा विकास के कार्य स्वीकृत किए गए हैं। इनका वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर के निर्देशानुसार प्रमुख सचिव वन मनोज पिंगुआ तथा प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी के मार्गदर्शन में तेजी से क्रियान्वयन जारी है। इस संबंध में वन मंडलाधिकारी श्री उत्तम गुप्ता ने बताया कि दक्षिण कोण्डागांव अंतर्गत कावरा नाला में कैम्पा (छत्तीसगढ़ प्रतिकरात्मक वनरोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण) की वार्षिक कार्ययोजना 2020-21 के अंतर्गत लगभग 98 लाख रूपए की लागत से विभिन्न भू-जल संवर्धन संबंधी संरचनाओं का निर्माण किया गया है।
इनमें 12 नग लूज बोल्डर, 17 नग ब्रशवुड चेकडेम, 1 नग भूमिगत डाइक, 19 नग गेबियन संरचना, 13 नग वाटर होल, 3 नग तालाब गहरीकरण, 1 नग गली प्लग तथा 4 नग 30ग 40 मॉडल का निर्माण शामिल है। इससे वनांचल स्थित अमरावती क्षेत्र के लोगों को लगभग 3 हजार हेक्टेयर भूमि के उपचार का लाभ मिलने लगा है। इस तरह कावरा नाला में हुए भू-जल संवर्धन संबंधी संरचनाओं का निर्माण सुदूर वनांचल में विकास का कारवां लेकर आया है।

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