सुरंग से मजदूरों को बचाने के लिए नया अभियान

उत्तरकाशी . उत्तरकाशी में आठ दिन से सुंरग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए नए सिरे से युद्ध स्तर पर बचाव अभियान शुरू किया गया है. रविवार को सिलक्यारा सुरंग के ऊपर पहाड़ी पर पहुंचने के लिए आधा से ज्यादा रास्ता बना दिया गया. एक चार इंच का पाइप और डाला गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा खाद्य सामग्री भीतर भेजी जा सके.
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी उत्तराखंड पहुंचकर बचाव कार्यों का जायजा लिया. गडकरी सुबह उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ सिलक्यारा पहुंचे. उन्होंने टनल का मुआयना करने के बाद अधिकारियों से राहत कार्यों की जानकारी हासिल की.
गडकरी ने कहा, बचाव अभियान में सभी पहलुओं पर काम किया जा रहा है. रोबोटिक्स का प्रयोग भी किया जाएगा. साथ ही जीएसआई के विशेषज्ञ सैटेलाइट के माध्यम से लगातार भूगर्भीय स्थिति का अध्ययन कर रहे हैं. टनल में फंसे लोगों को हर कीमत पर सुरक्षित निकालना सरकार की प्राथमिकता है.
डेढ़ किलोमीटर की सड़क बनाई जाएगी
सुरंग के ऊपरी हिस्से में वर्टिकल सुराख करने के लिए डेढ़ किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. सड़क निर्माण में करीब 150 मजदूरों को काम में लगाया गया है. रविवार शाम तक सड़क का आधा काम लगभग पूरा हो चुका है. सड़क पूरी बनते ही सुरंग के सौ मीटर ऊपरी हिस्से में डेढ़ किलोमीटर आगे खुदाई की जानी है.
वहीं, गडकरी ने कहा, केंद्रीय सचिव अनुराग जैन बचाव अभियान को लेकर नियमित रूप से मीडिया को जानकारी देंगे.
गडकरी बोले, हादसे की जांच कराएंगे
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने स्पष्ट कहा कि यह अप्रत्याशित घटना है. इसके कारण तलाशने के लिए जांच कराई जाएगी. सिलक्यारा में पत्रकारों से बातचीत में गडकरी ने कहा, इसके लिए राज्य सरकार ने जांच समिति का गठन किया है. इस घटना की सभी पहलुओं को बारीकी से जांच की जाएगी.
श्रमिकों को अब दाल, चावल, रोटी भी मिलेगी
आठ दिन से काजू, किशमिश, चने, मखाने खाकर गुजारा कर रहे टनल में फंसे मजदूरों को अब दाल-चावल और रोटी भी मिलेगी. सिलक्यारा की ओर से टनल के भीतर ड्रिल किए गए नए चार इंच के पाइप के जरिए अब से सामान्य भोजन भी मुहैया कराया जाएगा. पाइप से दवाएं भी भेजी जा रही हैं.