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छत्तीसगढ़ की कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था को उद्योगों से जोड़ने की पहल नई उद्योग नीति में की गई है। राज्य में कृषि उत्पादनों और वनोपजों के वैल्यूएडिशन के जरिए भी लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए उद्योगों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। राज्य में पिछड़े वर्गों को उद्योगों से जोड़ने के नये प्रावधान भी किए गए हैं। राज्य में उद्योग हितैषी नीतियों के कारण नये-नये उद्योगों की स्थापना हो रही है। युवाओं को उद्यमियता से जोड़ने के लिए नये स्टार्टअप विशेष प्रोत्साहन पैकेज दिए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य में निवेश प्रोत्साहन को बढ़ावा दिया जा रहा है। कोर सेक्टर के साथ ही नये क्षेत्रों में भी उद्यमियों को आकर्षित किया जा रहा है। विगत 3 वर्षों में कुल एक हजार 751 औद्योगिक इकाइयां स्थापित हुई है, जिसमें 19550.72 करोड़ रूपए का निवेश किया गया है। इससे 32 हजार 912 लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है। इस दौरान कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण पर आधारित 478 इकाईयां स्थापित हुई है, जिसमें कुल 1167.28 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश हुआ है तथा 6319 व्यक्तियों को रोजगार भी मिला है।
फूड पार्को की स्थापना-
किसानों की फसल का वैल्यूएडिशन कर नये उत्पाद तैयार करने के लिए 200 फूड पार्कों की स्थापना के लिए काम शुरू कर दिया गया है। लगभग 110 फूड पार्कों के लिए जमीन का चिन्हांकन एवं अन्य आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में फुडपार्क स्थापना हेतु 50 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है, आने वाले वर्षों में राज्य में कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण पर आधारित कई उद्योग भी स्थापित होंगे और जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
खाद्य प्रसंस्करण मिशन –
छत्तीसगढ़ खाद्य प्रसंस्करण मिशन योजना के तहत खाद्य प्रसंस्करण सहायता अनुदान के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में 14 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है। इस योजना के तहत उद्योगों का उन्नयन, स्थापना, आधुनिकीकरण तथा उद्यानिकी एवं गैर उद्यानिकी दोनों क्षेत्रों में कोल्ड चेन, मूल्य संवर्धन एवं संरक्षण अधोसंरचना का विकास, प्रसंस्करण केंद्र व संग्रहण केंद्र भी योजना में सम्मिलित है।