जल्द ही लोन ऐप के लिए नए नियम तय किए जाएंगे

नई दिल्ली . केंद्र सरकार देश में चल रहे अवैध लोन ऐप्स पर शिकंजा और सख्त करने जा रही है. अब वही ऐप्स कंपनियां लोन दे पाएंगी, जो आरबीआई से स्वीकृत होंगी और यही गूगल प्ले स्टोर और एप्पल ऐप स्टोर पर भी संचालित होंगी. बाकी ऐप्स को हटा दिया जाएगा. इसके लिए जल्द ही आरबीआई के साथ बैठक कर नए मानदंड तय किए जाएंगे.
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने हाल ही में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि अवैध लोन ऐप्स को पूरी तरह से खत्म करने के लिए सरकार कड़े कदम उठा रही है. इसके लिए जल्द आरबीआई के साथ बैठक करने की योजना है ताकि इन ऐप्स के लिए जल्द से जल्द एक श्वेत सूची बनाई जा सके.
इस सूची में वही ऐप्स शामिल होंगे, जिन्हें नियामकों ने मंजूरी प्रदान की होगी. ऐप स्टोर पर सिर्फ ऐसे लोन ऐप्स को शामिल करने के लिए नए नियम बनाए जाएंगे. गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त में रिजर्व बैंक ने आनलाइन माध्यम से कर्ज देने पर नियम पेश किए थे. क्रेडिट लिमिट को खुद से बढ़ाने पर रोक लगा दी थी.
केरल में आत्महत्या की घटनाएं पिछले हफ्ते केरल में एप के माध्यम से इंस्टेट लोन लेने वाले लोगों द्वारा आत्महत्या किए जाने की दो घटनाएं सामने आई हैं. बीते गुरुवार को लोन कंपनी की ब्लैकमेलिंग से तंग आकर एक परिवार के चार लोगों ने खुदकुशी कर ली. इनमें पति-पत्नी और दो बच्चे शामिल हैं.
बताया जा रहा है कि महिला ने ऐप के माध्यम से 9300 का कर्ज लिया था. किस्त भुगतान में देरी होने पर उसे ब्लैकमेल किया जा रहा था. इसी तरह एक अन्य व्यक्ति को भी धमकी दी जा रही थी. उसने 3700 रुपये का कर्ज लिया था. बाद में धमकी से तंग आकर उसने जान दे दी.
एक हजार से अधिक ऐप्स का काम गड़बड़
एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में करीब 1050 इंस्टेंट लोन ऐप्स हैं, जिनके कामों में कई अनियमितता पाई गई है. इनमें से करीब 750 ऐप्स अवैध तरीके से कार्यरत हैं और गूगल प्ले स्टोर मौजूद हैं. इनमें से 300 ऐप्स की वेबसाइट हैं, जिसमें बहुत कम जानकारी दी गई है. वहीं, केवल 90 ऐप्स का पता ही सत्यापित हो पाया. बता दें कि सबसे पहले जून 2020 में सरकार ने कार्रवाई करते हुए 59 ऐप पर रोक लगाई थी.
कंपनियों के आवेदनों पर नजर सरकार की नजर
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि सभी नागरिकों के लिए इंटरनेट को सुरक्षित और विश्वसनीय बनाए रखना सरकार का उद्देश्य है. आज गूगल प्ले स्टोर और एप्पल ऐप स्टोर दोनों पर कई ऐसे ऐप्स हैं, जिनका इस्तेमाल भारतीय करते हैं. हम लोन ऐप्स के लिए आए आवेदनों पर पर नजर रख रहे हैं. इसके अलावा हमने गूगल और ऐपल दोनों को निर्देश दिए हैं कि उन्हें असुरक्षित या गैरकानूनी ऐप्स को अपने प्लेटफॉर्म पर शामिल नहीं करें.
तेजी से बढ़ा ठगी का धंधा
देश में फटाफट कर्ज देने वाले ऐप्स का धंधा बहुत तेजी से फला-फूला है. बिना केबाईसी और दस्तावेजों के सत्यापन के ये ऐप्स तुरंत लोन जारी कर देते हैं. कंपनियां सस्ते में कर्ज देने का दावा करती हैं लेकिन वास्तविकता में मोटा ब्याज वसूलती हैं.
यहां कर सकते हैं शिकायत
लोन ऐप्स से संबंधित शिकायतों की बढ़ती संख्या को दूर करने के लिए आरबीआई ने सचेत पोर्टल (https// sachet.rbi.org.in/) की शुरुआत की है. पोर्टल को बड़ी संख्या में शिकायतें मिल रही हैं. जनवरी 2020 से मार्च 2021 तक 2562 शिकायतें दर्ज की गई.