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पंजाब में ‘वन MLA-वन पेंशन’ लागू करने के बाद कुछ पूर्व विधायक इसका विरोध कर रहे हैं। इन्हें अब पंजाब के CM भगवंत मान ने खरी-खरी सुनाई है। मानसा पहुंचे मान ने कहा कि हमने कोई कार्ड भेजकर नहीं बुलाया था कि MLA बनो। कोई और काम कर लो। मान ने कहा कि ‘वन MLA-वन पेंशन’ के फैसले से पूरे देश में डिबेट चल रही है। पंजाब में 8 से 9 पेंशन ली जा रही थी। फैमिली को भी पेंशन मिल रही। इलाज, रेल और हवाई जहाज का सफर मुफ्त मिल रहा है। इसलिए सरकारी खजाने को जो जंजीरें डाली गई हैं, इन्हें खोलना है। इसके बाद इसे पब्लिक के लिए खोलना है।
दिल्ली को लेकर उठे विवाद पर दी सफाई
मान ने कहा कि कुछ कांग्रेसी कह रहे हैं कि दिल्ली में MLA का वेतन 2.50 लाख है। पहले उसे कम करो। उन्होंने कहा कि दिल्ली में MLA का बेसिक वेतन 12 हजार है। भत्ते डालकर 54 हजार मिलता है। जो MLA नहीं रहते, उनकी पेंशन 7200 रुपए है।
पूर्व कांग्रेस विधायक ने जताया था विरोध
लुधियाना की गिल विधानसभा सीट से विधायक रहे कुलदीप वैद ने फैसले का विरोध जताया था। उन्होंने कहा कि इससे खर्चे पूरे करने मुश्किल हो जाएंगे। परिवार के खर्च के साथ उनसे मिलने आने वाले लोगों के लिए भी चाय-पानी का बंदोबस्त करना पड़ता है। वैसे भी, पेंशन एक ही बार मिलती है। आगे समें इंक्रीमेंट लगते हैं। वैद ने यहां तक कहा था कि मान सरकार के फैसले से भ्रष्टाचार बढ़ेगा।