मुंबई. महाराष्ट्र सरकार ने राज्य पुलिस को कथित फोन टैपिंग प्रकरण सहित दो मामले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने के निर्देश दिए हैं. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
उल्लेखनीय है कि फोन टैपिंग मामले में मौजूदा उप मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता देवेंद्र फडणवीस का बयान पुलिस ने दर्ज किया था. अधिकारी ने बताया कि दूसरा मामला भाजपा के एक अन्य नेता और राज्य के पूर्व मंत्री गिरीश महाजन से संबंधित है. उनपर जबरन वसूली और आपराधिक धमकी के आरोप हैं.
उन्होंने बताया, ‘‘राज्य सरकार ने इन दोनों मामलों को सीबीआई को सौंपने का आदेश जारी किया है, लेकिन मुंबई पुलिस को अब तक आदेश की प्रति नहीं मिली है.’’ भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की अधिकारी रश्मि शुक्ला कथित तौर पर नेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों की फोन टैपिंग के मामले में आरोपी हैं. आरोप है कि उन्होंने इस कृत्य को तब अंजाम दिया, जब वह वर्ष 2019 के दौरान राज्य खुफिया विभाग (एसआईडी) की प्रमुख थीं.
मुंबई पुलिस ने वर्ष 2021 में पहली बार सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी)साइबर पुलिस थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ कथित तौर पर नेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों के फोन टैप करने और गोपनीय जानकारी लीक करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी. यह प्राथमिकी एसआईडी की शिकायत पर दर्ज की गई थी.
वर्ष 2014 से 2019 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे फडणवीस ने शुक्ला के कथित पत्र का हवाला दिया, जिसे उन्होंने (शुक्ला ने) महाराष्ट्र के तत्कालीन पुलिस महानिदेशक को भेजा था और उसमें विभाग में हुए तबादलों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. पत्र में फोन कॉल के टैप करने की भी जानकारी थी, जिसको लेकर तत्कालीन शिवसेना नीत सरकार के नेताओं ने आरोप लगाया था कि बिना अनुमति के कथित तौर पर फोन टैप किये गए.
इससे पहले, महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्य सचिव सीताराम कुंटे ने अपनी जांच रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि शुक्ला ने गोपनीय रिपोर्ट लीक की है.
अधिकारी ने बताया, ‘‘साइबर पुलिस टीम ने इस मामले में शुक्ला का बयान दर्ज किया था.’’ उन्होंने बताया कि इस साल मार्च में फडणवीस का बयान भी दर्ज किया गया था. मुंबई पुलिस आयुक्त संजय पांडे के निर्देश पर इस मामले को हाल में आगे की जांच के लिए दक्षिण मुंबई के कोलाबा पुलिस थाने को स्थानांतरित किया गया था.