कोलंबो. श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को 13 जुलाई को इस्तीफा देना था. अब खबर है कि वह पहले ही देश छोड़कर भाग गए हैं. उनके अपनी पत्नी के साथ मालदीव पहुंचने की पुष्टि हुई है. इस बीच श्रीलंका में आपातकाल लगा दिया गया है. प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे हुए हैं और सेना उन पर काबू पाने की कोशिशों में जुटी है. बावजूद इसके विरोध कर रहे लोग पीएम आवास में घुसने को तैयार हैं. अब वह पीएम का भी इस्तीफा मांग रहे हैं. श्रीलंका के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. देश कंगाल है. लोग सड़कों पर हैं. नेता भाग खड़े हुए हैं. ऐसे में दुनिया भर के लोगों के मन में यही सवाल है कि श्रीलंका में आगे क्या होगा?
क्या कहता है श्रीलंका का संविधान?(Sri Lanka Constitution)
श्रीलंका के संविधान के अनुसार जब राष्ट्रपति का पद खाली होता है तो पीएम ही कार्यवाहक राष्ट्रपति बन जाता है. यह व्यवस्था तब तक रहती है जब तक संसद के सदस्यों में से किसी अन्य को राष्ट्रपति पद के लिए नहीं चुन लिया जाता. देश में नए राष्ट्रपति के लिए अगले हफ्ते 20 जुलाई को चुनाव होना है. चुनाव में वैध मतों के 50 प्रतिशत से ज्यादा जिस उम्मीदवार को मिलेंगे वही राष्ट्रपति बनेगा.
अगर प्रधानमंत्री औऱ राष्ट्रपति दोनों दे देते हैं इस्तीफा तो क्या होगा?
श्रीलंका के मौजूदा हालातों को देखते हुए 9 जुलाई को प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने भी ट्वीट किया था कि वह इस्तीफा दे देंगे. मगर उन्होंने अभी तक इस्तीफा नहीं दिया है. अगर प्रधानमंत्री भी इस्तीफा दे देते हैं तो क्या होगा? श्रीलंका के संविधान के मुताबिक जब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों ही पद से इस्तीफा दे देते हैं तो संसद का अध्यक्ष 30 दिन के लिए कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में काम कर सकता है. मगर इन 30 दिनों में नए राष्ट्रपति का चुनाव कराना जरूरी होता है.
अब कौन बनेगा श्रीलंका का राष्ट्रपति (Sri Lanka New President)
विक्रमसिंघे की पार्टी UNP के पूर्व सदस्य साजिथ प्रेमदास ने खुद को विपक्ष की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश किया है. उन्होंने दावा किया है कि वह देश का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं. साजिथ की अब अपनी पार्टी है. इसका नाम है- समागी जन बालावेग्या (SJP). इस पार्टी के पास 225 सदस्यों वाले सदन में से 50 सदस्य हैं.