
भारतीय रेलवे यात्रियों की सुविधा के लिए आए दिन कई बदलाव करता रहता है. इस बार बच्चों के सफर को लेकर बदलाव किया है, जिसे जल्द ही लागू कर दिया जाएगा. बता दें कि रेलवे ने बच्चों के साथ सफर करने वाली महिलाओं की यात्रा को ज्यादा आसान और आरामदायक बना दिया है. यह पहले से ज्यादा सुरक्षित भी हो चुका है.
रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लखनऊ-दिल्ली के बीच चलने वाली सुपरफास्ट ट्रेन लखनऊ मेल के एसी-3 कोच में निचली बर्थ संख्या 12 और 60 के साथ बेबी बर्थ की सुविधा शुरू की थी. इसकी लंबाई 770 मिली मीटर, चौड़ाई 255 मिली मीटर और मोटाई 76.2 मिलीमीटर है. इसका मकसद शिशु के साथ सफर करने वाली महिलाओं को सुविधा प्रदान करना है.

बेबी बर्थ को मोड़कर मुख्य बर्थ के नीचे करने की होगी सुविधा अधिकारी ने बताया कि बेबी बर्थ के उपयोग नहीं होने अथवा दिन के समय में इसको मोड़कर मुख्य बर्थ के नीचे किया जा सकेगा, जिससे कंपार्टमेंट में दूसरे यात्रियों को परशानी नहीं होगी. उन्होंने बताया कि रेल यात्रियों ने बेबी बर्थ को चारो ओर से कवर करने का सुझाव दिया है. इसके साथ ही मिडल और अपर बर्थ से किसी सामने के गिरने की स्थिति में शिशु को हानि नहीं पहुंचे इसके लिए भी पर्याप्त उपाय करने की मांग हुई है. रेल यात्रियों ने कहा कि वर्तमान में बेबी बर्थ को मुख्य बर्थ के नीचे मोड़ने का प्रावधान है. इससे सामान रखने में दिक्कत होती है. इसलिए बेबी बर्थ की डिजाइन में बदलाव करने की जरूरत है. मोड़ने के बजाए स्लाइट तकनीक से बेबी बर्थ को मुख्य बर्थ के नीचे करना चाहिए. अधिकारी ने बताया कि रेलवे बोर्ड यात्रियों के सुझाव को शामिल करने पर विचार कर रहा है. इसके पश्चात सभी मेल-एक्सप्रेस और प्रीमियम ट्रेनों में बेबी बर्थ का प्रावधान करने पर अंतिम फैसला किया जाएगा.
टिकट बुक करते समय होगी अलॉट
इस नई बेबी-बर्थ को हर कोच में हर सीट के साथ लगाने की जरुरत नहीं होगी. जो यात्री टिकट बुक करते समय इस बेबी-बर्थ को बुक करेगा, रेलवे उसे यह अलॉट कर देगा. सीट पर बेबी-बर्थ को लगाने के लिए यात्री टीटीई या रेलवे स्टाफ से संपर्क कर सकेंगे. बेबी बर्थ हुक की मदद से सामान्य बर्थ से अटैच की जा सकेगी.