
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी ऊषा ने कहा कि सड़कों पर प्रदर्शन अनुशासनहीनता है. इससे देश की छवि खराब हो रही है. ऊषा ने आईओए की कार्यकारी समिति की बैठक के बाद कहा कि पहलवानों का सड़क पर प्रदर्शन करना अनुशासनहीनता है.
आईओए ने कुश्ती महासंघ के कामकाज के संचालन के लिए चुनाव होने तक एक तदर्थ समिति का गठन किया है, जिसमें पूर्व निशानेबाज सुमा शिरूर, भारतीय वुशू संघ के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह बाजवा और उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत न्यायमूर्ति हैं, जिनका नाम अभी तय नहीं हुआ है.
पहलवान विनेश फोगाट ने कहा- अगर हम सड़क पर बैठे हैं तो हमारी कुछ मजबूरी रही होगी. चाहे खेल मंत्रालय है या IOA किसी ने हमारी नहीं सुनी तब हम जनता के सामने आए हैं कि हमारी कोई नहीं सुन रहा है. पीटी उषा को हम खुद आइकन मानते थे. मैंने उनको फोन भी किया था कि मैं अपना दर्द साझा कर सकूं पर उन्होंने फोन नहीं उठाया. हम तीन महीने से इंतजार कर रहे हैं.
ऐसी उम्मीद नहीं थी
पहलवान साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने कहा कि पीटी ऊषा महिला होकर भी महिला खिलाड़ियों की बात नहीं सुन रहीं. हम शांति से धरने पर बैठे हैं. इसमें अनुशासनहीनता क्या है. जब उनकी (पीटी ऊषा) अकादमी का मुद्दा आया था वे मीडिया के सामने दुख प्रकट करते हुए रो पड़ी थीं. उधर, पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा कि पीटी ऊषा से हमें इस तरह की उम्मीद नहीं थी.