नई दिल्ली, 11 जुलाई सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को चार महीने की जेल की सजा सुनाई और अवमानना के आरोप में 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया. कोर्ट ने कहा कि कानून की महिमा को बनाए रखने के लिए पर्याप्त सजा होनी चाहिए. अगर माल्या ने दो हजार रुपये का जुमार्ना नहीं दिया तो सजा दो महीने और बढ़ जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस यू यू ललित, जस्टिस एस रविंद्र भट्ट और जस्टिस सुधांशु धूलिया वाली 3 जजों की बेंच ने ये फैसला सुनाया है.
दरअसल, अदालत में अपनी संपत्ति का ब्योरा गलत देने पर 9 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने माल्या को कोर्ट की अवमानना का दोषी करार दिया था और उसके खिलाफ कार्यवाही शुरू की थी. कोर्ट ने 2020 में 2017 के फैसले की समीक्षा की मांग करने वाली माल्या की याचिका को भी खारिज कर दिया था. इसके बाद 10 मार्च को माल्या की सजा पर फैसला सुरक्षित रखा था.
न्यायमूर्ति यू यू ललित ने माल्या को चार हफ्तों में ब्याज के साथ 40 मिलियन डॉलर चुकाने का आदेश दिया है.
कोर्ट ने कहा कि माल्या 4 सप्ताह के भीतर ब्याज के साथ 40 मिलियन अमेरिकी डॉलर वापस जमा करे. ऐसा न करने पर माल्या की संपत्तियों की कुर्की की जाएगी और कुर्की की कार्यवाही करने के लिए अफसर स्वतंत्र होंगे.