सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार द्वारा राज्य में मुस्लिमों के लिए चार फीसदी आरक्षण खत्म करने के फैसले पर नौ मई तक रोक लगा दी. कोर्ट ने यह अंतरिम आदेश तब दिया, जब राज्य सरकार ने मामले में अपना जवाब दाखिल करने के लिए वक्त देने की मांग की.
न्यायमूर्ति केएम जोसेफ और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की पीठ ने यह निर्देश दिया. पीठ ने कहा कि नौ मई को राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली दलीलों पर बिना किसी पूर्वाग्रह के अगली सुनवाई की जाएगी.
जवाब के लिए पहले भी मांगा वक्त शीर्ष अदालत ने 18 अप्रैल को मुसलमानों का चार फीसदी आरक्षण खत्म करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 25 अप्रैल तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी थी. उस समय भी कर्नाटक सरकार ने जवाब दाखिल करने के लिए वक्त देने की मांग की थी.
फैसले को बताया था ‘त्रुटिपूर्ण’ शीर्ष न्यायालय ने पिछली सुनवाई पर कहा था कि सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में वोक्कालिगा और लिंगायत समुदायों के लिए आरक्षण में दो-दो फीसदी वृद्धि करने और ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) मुसलमानों के चार फीसदी आरक्षण को खत्म करने का कर्नाटक सरकार का फैसला पहली नजर में ‘त्रुटिपूर्ण’ प्रतीत होता है.