छत्तीसगढ़ के दुर्ग में चार साल से सक्रिय चोर गिरोह पुलिस गिरफ्त में आ गया है। ये चोर गिरोह साइकिल से सूने मकानों की रेकी करता था। जहां तीन-चार दिन न्यूजपेपर पड़े रहते थे ऐसे की मकानों को निशाना बनाकर चोरी की जाती थी। चोर गिरोह ने 4 साल में 41 जगह ऐसे ही चोरी की वारदातों को अंजाम दिया। पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर 77 लाख के जेवर जब्त किए है।
बिलासपुर के ज्वेलर्स को बेचते थे सामान
दुर्ग पुलिस ने तीन चोर, तीन खरीदार समेत 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से पुलिस ने 77 लाख रुपए रुपए के सोने व चांदी के आभूषण जब्त किए हैं। चोर गिरोह ने 41 चोरी की वारदातों को अंजाम देकर डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक की चोरी की है। यह लोग चोरी सारा सामान बिलासपुर के एक ज्वेलर्स को बेचते थे।
दुर्ग आईजी ओपी पाल और एसएसपी बीएन मीणा ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि दिसंबर 2021 में अवधपुरी रिसाली में गौतम भट्टाचार्य के सूने मकान में घर का ताला तोड़कर लाखों की चोरी हुई थी। पुलिस ने मामले की जांच के दौरान सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगालने के साथ ही मुखबिर को अलर्ट किया था। इसी दौरान मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए संदेहियों के कद काठी के लोगों को श्याम नगर रिसाली गांव में देखा गया है। पुलिस ने और पतासाजी की तो पता चला कि वह लोग वहां एक मकान किराए पर लेकर रहते हैं। उन्होंने बताया कि वह लोग अक्सर रात में आना जाना करते हैं। दिन के समय भी वह बाहर ही रहते हैं।
पुलिस की टीम ने किराए के मकान में रहने वाले अनवर खान और उसके साथी सागर सेन, द्वारिका दास पर नजर रखी। तस्दीक के दौरान पता चला कि अनवर खान अपने साथियों के साथ अलग-अलग इलाकों में रेकी करने के लिए निकलता है। पुलिस की टीम ने अनवर खान और उसके साथियों को श्याम नगर रिसाली स्थित किराए के मकान से पकड़कर पूछताछ की गई। पूछताछ में आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल किया। इसके बाद उनकी निशानदेही पर पुलिस ने बिलासपुर से खरीदारों को भी गिरफ्तार कर उनके पास से 77 लाख के आभूषणों की जब्ती की।
इस कार्रवाई में क्राइम डीएसपी नसर सिद्धकी, निरीक्षक भारती मरकाम, निरीक्षक संतोष मिश्रा, उनि धनीराम नारंगे, उनि धरम मंडावी, सउनि पूर्ण बहादुर, आरक्षक अनूप शर्मा, उपेन्द्र यादव, पंकज कुमार, संतोष गुप्ता, शमीम खान, शहबाज खान, जुगनु सिंह, पन्ने लाल एवं सायबर सेल, थाना नेवई, चौकी पद्यनाभपुर स्टाफ का योगदान रहा।