छत्तीसगढ़

रायपुर पुलिस का काम सराहनीय, धरमलाल कौशिक सार्वजनिक रूप से माफी मांगे

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार के स्कूली शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने आज प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए रायपुर पुलिस को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि पुलिस ने जिस प्रोफेशनल तरीके और तेजी के साथ फर्जी डायरी कांड का पटाक्षेप मात्र 48 घंटों के भीतर कर दोषियों को गिरफ्तार कर लिया है वह प्रशंसा और बधाई के पात्र है। इस मामले में पुलिस ने जिस कार्य क्षमता का परिचय दिया है वह बताता है कि छत्तीसगढ़ की पुलिस पूरे हिंदुस्तान में नंबर वन पुलिस क्यों कहीं जाती है। साथ ही साथ इस मामले के त्वरित खुलासे के बाद राज्य की पौने तीन करोड़ आबादी का भरोसा भी पुलिस के ऊपर और बढ़ा है। डॉ. प्रेमसाय सिंह ने कहां है कि इस फर्जी डायरी के माध्यम से उन्हें, उनके विभाग और छत्तीसगढ़ की लोकप्रिय भूपेश बघेल सरकार को बदनाम करने का प्रयास किया गया था जो कि असफल रहा। जैसे ही पूरे घटनाक्रम की जानकारी उन्हें मिली उन्होंने तत्काल संबंधित अधिकारियों को इसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के निर्देश दिए। साथ ही साथ स्वयं भी कांग्रेस प्रवक्ता आर. पी. सिंह के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलकर इस पूरे मामले की त्वरित व उच्च स्तरीय जांच कराने का आग्रह किया जिसे मुख्यमंत्री जी ने तत्काल स्वीकार कर लिया। शीघ्र जांच करा कर दोषियों को गिरफ्तार करने के लिए डॉ. प्रेमसाय सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का हृदय से आभार जताया है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक को उनके कल दिए गए बयान की याद दिलाते हुए यह चुनौती प्रस्तुत की है कि अब वह तथाकथित डायरी सार्वजनिक करें जिसका दावा कल उन्होंने अपने बयान में किया था। अपराधियों के गिरफ्तार हो जाने के बाद अब तो यह स्पष्ट हो चला है कि अगर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने ऐसा कोई दावा किया था तो उनकी भी संलिप्तता अपराधियों के साथ कहीं न कहीं अवश्य रही होगी। अन्यथा एक कूट रचित डायरी की जानकारी आरोपियों के अलावा सिर्फ उन्हें ही क्यों थी? क्यों उन्होंने यह दावा किया कि बहुत जल्द वह उस कथित डायरी को सार्वजनिक करेंगे? क्या धरमलाल कौशिक अभी भी अपनी बात पर कायम रहेंगे और कथित डायरी को सार्वजनिक करने का साहस दिखाएंगे? अगर नहीं तो धरमलाल कौशिक को सार्वजनिक रूप से छत्तीसगढ़ सरकार और प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए तथा जनता के बीच झूठ फैलाने के लिए खेद प्रकट करना चाहिए। सार्वजनिक जीवन में हमेशा शुचिता की राजनीति को स्थान मिलना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष का दायित्व होता है कि वह जनता से जुड़े हुए जनहित के मामले उठाएं जिससे प्रदेश का भला हो सके। लेकिन भूपेश बघेल जी के मुख्यमंत्री बनने के बाद से राज्य में भारतीय जनता पार्टी मुद्दों के अभाव में जी रही है और यही वजह है कि एक कूटरचित फर्जी डायरी को सामने रखकर घटिया और ओछी राजनीति कर रही थी। पूरे मामले का खुलासा हो जाने के बाद अब डॉ. रमन सिंह, बृजमोहन अग्रवाल, विष्णु देव साय और विशेषकर धरमलाल कौशिक को अपना रुख प्रदेश के सामने स्पष्ट करना चाहिए।

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