रायपुर. छत्तीसगढ़ में कत्ल का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. जहां के जांजगीर-चांपा (Janjgir Champa) जिले की पुलिस ने ‘पारस पत्थर’ की लालच में 70 वर्षीय बैगा यानी ओझा की हत्या करने आरोप में एक महिला समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया है. स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले के जांजगीर थाना क्षेत्र के अंतर्गत मुनूंद गांव निवासी ‘बैगा’ बाबूलाल यादव की हत्या के आरोप में टेकचंद जायसवाल (49), रामनाथ श्रीवास (52), राजेश हरवंश (40), मनबोधन यादव, छवि प्रकाश जायसवाल (21), यासिन खान (21), खिलेश्वर राम पटेल (42), तेजराम पटेल (26), अंजू कुमार पटेल (28) और शांति बाई यादव (22) को गिरफ्तार किया गया है.
बंधक बनाकर लूटा फिर मार डाला
उन्होंने बताया कि नौ जुलाई को बाबूलाल यादव की पत्नी रामवती यादव ने मामला दर्ज कराया कि आठ जुलाई को जब उसका पति बैगा का काम करने के लिए कहीं गया था तब रात करीब 12 बजे कुछ लोग उनके घर पहुंचे और उसके हाथ-पैर बांधकर 23 हजार रुपए और सोने-चांदी के जेवर लूट लिए. इस दौरान उन्होंने घर के पूजा स्थल के पास खुदाई भी की. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जब पुलिस ने मामले की छानबीन की तब संदेह के आधार पर टेकचंद और अन्य आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई. बाद में सभी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया. आरोपियों ने बताया कि उन्होंने पारस पत्थर (किस्से कहानियों के अनुसार एक ऐसा पत्थर जिसके छूते की लोहा, सोना हो जाता है) की खोज में बाबूलाल की हत्या कर दी है.
‘पारस पत्थर’ की उड़ी थी अफवाह
उन्होंने बताया कि आरोपियों से पूछताछ के दौरान पता चला कि पिछले वर्ष के अंत में जिले के लोहराकोट गांव निवासी जायसवाल को जानकारी मिली थी कि ग्रामीण अवतार सिंह के घर में एक ‘पारस पत्थर’ है. जायसवाल ने पत्थर को प्राप्त करने के लिए ऐसे लोगों की तलाश शुरू कर दी जो उसकी मदद कर सकते थे. इस बीच वह यादव के संपर्क में आया. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जायसवाल ने यादव और दो अन्य लोगों को अपने साथ में लिया और सभी अवतार सिंह के घर में तब घुसे जब वह अपने परिवार के साथ श्रमिक कार्य के लिए जम्मू कश्मीर गया था. उन्होंने बताया कि जायसवाल और अन्य को घर में एक चमकता हुआ पत्थर मिला और उन्हें लगा कि यह वही पत्थर है जिसकी उन्हें तलाश थी. जिसके बाद वे वहीं सो गए.
शार्टकट के चक्कर में मिला धोखा
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अगली सुबह जब जायसवाल सोकर उठा तब वह खुद को अकेला पाया और पत्थर भी वहां नहीं था. बाद में जब उसने यादव और अन्य लोगों से पूछताछ की तब सभी ने पत्थर लेने की बात से इनकार कर दिया. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कुछ समय बाद जायसवाल को जानकारी मिली कि बैगा यादव लोगों को स्वस्थ करने के लिए पूजा करते समय अपने साथ पत्थर रखता है. जायसवाल ने उसे पारस पत्थर ही समझा और उसे पाने के लिए एक महिला सहित नौ अन्य लोगों को साजिश में शामिल किया. उन्होंने सभी को लालच दिया कि पत्थर के मिलते ही सभी अमीर बन जाएंगे.
ओझा ने सच बताया तब आया ट्विस्ट
उन्होंने बताया कि ‘पारस पत्थर’ पाने के लालच में जायसवाल ने अपने अन्य साथियों को इस महीने की आठ तारीख को इलाज कराने के लिए बैगा बाबूलाल यादव के घर भेजा. बाबूलाल जब घर से निकला तब आरोपी उसे जंगल ले गए. जंगल में बाबूलाल यादव से पारस पत्थर के बारे में पूछताछ की गई और जब यादव ने बताया कि उसके पास पत्थर नहीं है, तब उसे बंधक बना लिया गया. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान कुछ अन्य लोगों को रात में यादव के घर भेजा गया. यादव के घर में लोगों ने उसकी पत्नी रामवती को बंधक बनाकर लूटपाट की और पूजा स्थान पर ‘पारस पत्थर’ की खोज की. नहीं मिलने पर बाद में वे वहां से चले गए. उन्होंने बताया कि जब सभी जंगल में वापस पहुंचे तब जायसवाल ने यादव से पत्थर के बारे में फिर पूछताछ की. जब यादव ने ऐसी जानकारी होने से इनकार किया, तब सभी ने उसकी पिटाई शुरू कर दी. इससे यादव की मौत हो गई. बाद में सभी ने शव को जमीन में गड्ढा खोदकर दफना दिया. पुलिस ने अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने सभी 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है तथा शव को बरामद कर लिया है. सभी आरोपियों से पूछताछ अभी जारी है.