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विदेशों से मेडिकल की डिग्री लेने वाले छात्रों को भारत में 10 सालों के भीतर स्क्रीनिंग टेस्ट या नेक्स्ट पास करना होगा. राष्ट्रीय चिकित्सा अयोग (एनएमसी) ने हाल ही में जारी एक दिशा-निर्देश में यह प्रावधान किया.
मौजूदा नियमों के तहत विदेशों से डिग्री लेने वालों को देश में एक स्क्रीनिंग टेस्ट पास करने के बाद ही डॉक्टर का लाइसेंस मिलता है. आने वाले समय में इस टेस्ट की जगह नेक्स्ट टेस्ट आयोजित किए जाने की योजना है. मौजूदा समय में विदेशों से डिग्री लेने वालों के लिए इस टेस्ट में बैठने की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं थी. अब इसके लिए 10 साल की अवधि रखी गई है. इस प्रावधान के अनुसार कोर्स पूरा होने के बाद अगले 10 साल तक वे टेस्ट उत्तीर्ण कर सकते हैं. नेक्स्ट के लिए भी 10 साल की ही अवधि होगी. इसके अलावा यूक्रेन और फिलीपींस में जो छात्र मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं और युद्ध या कोरोना के कारण जिनका अध्ययन बाधित हुआ, उन्हें दूसरे देशों (भारत छोड़कर) में अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए एनएमसी ने एक और मौका दिया है तथा अगले तीन महीनों का और समय दिया है. इस बीच छात्र चाहें तो दूसरे देशों में प्रवेश ले सकते हैं.