खबरों की मानें तो तालाबंदी हटने की स्थिति में 14 अप्रैल को ट्रेनों में यात्रा करना यात्रियों के लिए आसान नहीं होगा। रिपोर्ट के अनुसार, रेल मंत्रालय ने संभावित ट्रेन संचालन के मद्देनजर यात्रियों को कोरोनावायरस के प्रसार की जांच करने के लिए प्रोटोकॉल तैयार किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रेलवे द्वारा तैयार किए गए प्रोटोकॉल के अनुसार, यात्रियों को रेलवे स्टेशनों पर 4 घंटे पहले आना होगा। इससे रेलवे के अधिकारी स्टेशनों पर यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग कर सकेंगे। इसके अलावा, आरक्षित टिकट वाले यात्रियों को ही स्टेशन में प्रवेश करने की अनुमति होगी। अगले आदेश तक प्लेटफ़ॉर्म टिकटों की बिक्री निलंबित रहेगी।
रेलवे केवल नॉन एसी ट्रेनें (स्लीपर क्लास) चलाएगा। यात्रियों को यात्रा से 12 घंटे पहले रेलवे को अपने स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देना अनिवार्य होगा।यात्रियों को सामाजिक दूरी के मानदंडों का पालन करने की आवश्यकता होगी।केवल दो यात्री एक केबिन में यात्रा करेंगे (6 बर्थ वाला केबिन)
ट्रेनें बिना रुके (एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन) चलेंगी। यह बीच में नहीं रुकेगा।
ट्रेन के चारों दरवाजे बंद रहेंगे।यदि किसी व्यक्ति में खांसी, जुकाम, बुखार आदि जैसे लक्षण पाए जाते हैं, तो उसे यात्रा के बीच में ही ट्रेन से जाने के लिए मजबूर किया जा सकता है।वेटिंग टिकट वाले यात्री ट्रेनों में नहीं चढ़ पाएंगे। प्रोटोकॉल के अनुसार, वेटिंग टिकट वाले यात्री ट्रेनों में सवार नहीं हो पाएंगे। रेलवे अधिकारी ने बताया कि कोरोनोवायरस पर मंत्रियों के समूह द्वारा प्रोटोकॉल तैयार किए गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय रेलवे उत्तर भारत में 307 ट्रेनें चलाने की योजना बना रहा है।
मास्क और दस्ताने बांटे जाएंगे।रेलवे अधिकारी ने कहा कि यात्रियों के लिए रेलवे स्टेशन पर मास्क और दस्ताने पहनना अनिवार्य होगा। यात्रियों को उस स्टेशन पर मास्क और दस्ताने दिए जाएंगे जिसके लिए रेलवे मामूली शुल्क लेगा। रेलवे कर्मचारियों को मास्क और दस्ताने पहनने की भी आवश्यकता होगी। इसके अलावा, बाहरी विक्रेताओं को कोचों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। कोरोनावायरस के मद्देनजर, भारतीय रेलवे ने 14 अप्रैल तक यात्रियों की ट्रेनों को रद्द कर दिया है।