Farmers’ March: किसानों के मार्च पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, ‘परामर्श की आवश्यकता रहेगी। इसके लिए हमें राज्यों से बात करने की आवश्यकता है। हमें चर्चा करने के लिए एक मंच और समाधान ढूंढने की जरूरत है। भारत सरकार किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए बाध्य है। जनता को परेशानी में नहीं डालना चाहिए, किसान यूनियन को इसे समझना चाहिए।’
किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानूनी गारंटी के अलावा स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों व कृषि मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफ करने, पुलिस में दर्ज मामलों को वापस लेने, लखीमपुरी खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘‘न्याय’’, भूमि अधिग्रहण कानून 2013 बहाल करने और पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल के साथ सोमवार को किसानों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की। हालांकि, किसानों की मांगों को लेकर हुई यह बैठक बेनतीजा रही।
संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसानों ने अंबाला-शंभू, खनौरी-जींद और डबवाली सीमाओं से दिल्ली की ओर कूच करने की योजना बनायी है।