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वित्त मंत्रालय के मुताबिक, कोरोना महामारी के दौर में वेंटिलेटर्स और अन्य चिकित्सा उपकरणों की बहुत मांग है। ऐसे में सरकार इनके आयात पर लगने वाली ड्यूटी और सेस को तत्काल वापस ले रही है। इन्हें बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले वस्तुओं पर कस्टम ड्यूटी और हेल्थ सेस नहीं लिया जाएगा। सरकार की मंशा है कि महामारी कोरोना वायरस से लड़ने के लिए हर किसी तक इन सभी उपकरणों की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में हो। बता दें, भारत में करीब 80 फीसदी मेडिकल उपकरण इंपोर्ट किए जाते हैं।फिलहाल, वेंटिलेटर और टेस्टिंग किट पर 10 फीसदी कस्टम ड्यूटी लगती है। वहीं, सर्जिकल और फेस मास्क पर 7.5%, पीपीई किट पर 7.5 से 10% कस्टम ड्यूटी लगती है। इसके अलावा इन सभी उपकरणों पर 5 फीसदी मेडिकल सेस अलग से वसूला जाता है।
30 सितंबर तक इन सभी उपकरणों से कस्टम ड्यूटी, सेस हटाने का फैसला लिया गया है। इस फैसले के बाद देश में वेंटिलेटर्स और टेस्टिंग किट की पर्याप्त आपूर्ति बनी रहेगी। साथ ही पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट (पीपीई) किट और सभी तरह के मास्क की कीमतें भी कम हो जाएंगी।
कोरोना वायरस से निपटने के लिए केंद्र सरकार तमाम कोशिशें कर रही है। महामारी से लड़ने के लिए सरकार ने यह अहम फैसला किया है।