नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने लोगों के लिए नुकसानदेह बताते हुए निर्धारित खुराक वाली (एफडीसी) 14 दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है. सरकार की ओर से कहा गया है कि इन दवाओं को कोई चिकित्सकीय औचित्य नहीं है. इनसे लोगों को खतरा हो सकता है. इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को एक अधिसूचना भी जारी कर दी है.
प्रतिबंधित दवाओं में सामान्य संक्रमण, खांसी और बुखार के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली मिश्रित दवाएं शामिल हैं. सरकार ने यह कदम एक विशेषज्ञ समिति की अनुशंसा पर उठाया है. विशेषज्ञ समिति ने कहा कि जनहित में औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 की धारा 26ए के तहत इन दवाओं के उत्पादन, बिक्री व वितरण पर प्रतिबंध रहेगा. 2016 में, सरकार ने 344 दवा संयोजनों के निर्माण, बिक्री, वितरण पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी.
यह घोषणा सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित विशेषज्ञ समिति के यह कहने के बाद की गई थी कि संबंधित दवाएं बिना वैज्ञानिक डेटा के रोगियों को बेची जा रही हैं. वर्तमान में प्रतिबंधित 14 एफडीसी संबंधित 344 दवाओं के संयोजन का हिस्सा हैं.
इन पर प्रतिबंध लगा
निमेसुलाइड और पेरासिटामोल की घुलनशील गोलियां. क्लोफेनिरामाइन मैलेट व कोडीन सीरप. फोलकोडाइन व प्रोमेथाजिन. एमोक्सिसिलिन व ब्रोमहेक्सिन. ब्रोमहेक्सिन- डेक्सट्रोमेथोर्फन. अमोनियम क्लोराइड व मेन्थॉल. पैरासिटामोल- ब्रोमहेक्सिन-फिनाइलफ्राइन-क्लोरफेनिरामाइन. गुइफेनेसिन-सालबुटामोल और ब्रोमहेक्सिन.