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उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी महिला उम्मीदवारों पर बड़ा दांव खेलने जा रही है। गुरुवार को कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों के लिए 125 कैंडिडेट की अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी, जिनमें से 50 महिला उम्मीदवार हैं।
पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश की सात करोड़ महिला वोटर्स को आकर्षित करने के लिए पहले ही ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ नाम से एक कैंपेन लॉन्च कर चुकी हैं। पिछले साल प्रियंका ने ऐलान किया था कि कांग्रेस यूपी विधानसभा चुनाव के लिए करीब 40% सीटों पर महिला कैंडिडेट उतारेगी।
उत्तर प्रदेश में 403 विधानसभा सीटें हैं, ऐसे में कांग्रेस करीब 150-160 महिला उम्मीदवारों पर दांव लगा सकती है। माना जा रहा है कि पहले ही तीन दशक से UP की सत्ता से दूर रही कांग्रेस के लिए ये रणनीति और मुश्किलें बढ़ाने वाली साबित हो सकती है।
कांग्रेस भले ही UP विधानसभा चुनावों में महिला वोटर्स पर दांव लगा रही है, लेकिन अगर पिछले कुछ चुनावों पर नजर डालें तो इस दांव के बैकफायर करने की आशंका ज्यादा लगती है।
उत्तर प्रदेश में 2002 और 2017 विधानसभा चुनावों के बीच 713 महिला उम्मीदवारों ने अपना भाग्य आजमाया, लेकिन उनमें से महज 137 को ही जीत हासिल हुई। यानी 2002 से 2017 के बीच हुए विधानसभा चुनावों के दौरान केवल 19% महिला उम्मीदवार ही चुनाव जीत पाईं।
2000 के बाद हुए चार लोकसभा चुनावों पर भी अगर नजर डालें तो लगभग यही ट्रेंड नजर आता है। 2004, 2009, 2014 और 2019 के चार लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में 153 महिला कैंडिडेट चुनाव लड़ीं, लेकिन केवल 45 को ही जीत नसीब हो सकी।
लोकसभा चुनावों में महिला उम्मीदवारों की सफलता का ग्राफ विधानसभा चुनाव से थोड़ा ऊपर करीब 29.41% रहा।