मुरारी बाई के हाथ का स्वादिष्ठ भोजन कभी नहीं भूल पाएंगे, नम आंखों से दी गई रसोइयां को विदाई

बच्चे मन के सच्चे होते हैं, उनकी भोली बातें सबको लुभाती हैं। इसकी बानगी आज देखने को मिली। जब अपने स्कूल की मिड डे मील रसोईया को पूरे सम्मान के साथ बच्चों ने भावुक मन से विदाई दी। यह वाक्या जशपुर जिले के विकासखण्ड बगीचा के प्रायमरी स्कूल महुवाडीह का है। जहां स्कूली बच्चों ने स्कूल की रसोईया मुरारी बाई को सम्मान के साथ विदाई दी। बच्चों ने कहा कि वे मिड डे मील का स्वाद कभी भूल नहीं पाएंगे।
इस मौके पर रसोईया मुरारी बाई की आंख़ें नम थी और स्कूल के बच्चे भी भावुक हो गए थे। वह इस स्कूल में लम्बे अर्से से अपनी सेवा दे रही थींे। विदाई के वक्त स्कूली बच्चे और ग्रामीण भावुक हो गए। मुरारी बाई अपनी अधिक उम्र की वजह से रसोईया के पद से विदाई ले रही थीं। इस अवसर पर गांव की सरपंच श्रीमती कविता देवी ने कहा कि मुरारी बाई काफी लम्बे समय से पूरी जिम्मेदारी से घर के भोजन जैसा मिड डे मील बनाकर कर बच्चों को खिलाया है, वह अनुकरणीय है। उनकी इस सेवा को यह गांव कभी नहीं भूल पाएगा। बच्चों ने कहा कि उन्हें जो भोजन स्कूल में मिलता रहा है। उसका स्वाद वह शायद ही भूल पाएंगे। इस मौके पर बच्चों ने उन्हें फूलों का गुच्छा भेंट किया। वहीं सरपंच, ग्रामीण व शिक्षकों ने साड़ी और शाल भेंट कर स्कूल की रसोईया का सम्मान किया। बताया जा रहा है कि यह पहला अवसर है, जब इस तरह से जिले में किसी मिड डे मील रसोईया को सम्मान पूर्वक विदाई दी गई है।

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