छत्तीसगढ़ में अब रेल सुविधाओं में विस्तार किया जा रहा है. अब प्रदेश के बिलापसुर (Bilaspur) से दिल्ली (Delhi) तक वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Train) के परिचालन की शुरआत होने जा रही है. इससे छत्तीसगढ़ के लाखों रेल यात्रियों जल्द ही प्रदेश में वंदे भारत ट्रेन दौड़ती नजर आएगी. रेलवे बहुत जल्द इसका एलान करने जा रहा हैं. रेल मंत्रालय ने फिलहाल दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे को दो रैक दिया है. यह ट्रेन भारत की आधुनिक और सुविधजानक ट्रेनों में शामिल है.
यह ट्रेन संपर्क क्रांति (Sampark-Kranti) की रूट पर बिलासपुर से दिल्ली के लिए जाएगी. वंदे भारत ट्रेन के परिचालन से छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के लोगों को काफी राहत मिलेगी. इसके लिए एक महीने पहले गोंदिया से झरसुगुड़ा तक 130 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेन चलकर टेस्ट भी किया गया था. वंदे भारत एक्सप्रेस की खासियत यह है कि सामान्य ट्रेनों से यह फ़ास्ट है. इसे सामान्य ट्रेन की की अपेक्षा काफी सुविधाजनक बनाया गयं है. यानी अब बिलासपुर से दिल्ली पहुंचने में 18 घंटे की जगह सिर्फ 14 घन्टे का सफर तय करना होगा.
वंदे भारत एक्सप्रेस का मेंटेनेंस करने के लिए पूरा यूनिट तैयार किया जा रहा है. बिलासपुर और गोंदिया में वंदे भारत ट्रेन का मेंटेनेंस होगा. रेलवे बोर्ड से इसके लिए एसईसीआर को 55 करोड़ रूपए मिले हैं. सामान्य यात्री ट्रेनों से वंदे भारत के कोच बहुत अलग है. ऐसे में उसका मेंटेनेंस करने के लिए अलग से प्लेटफार्म बनाया जाएगा. वहीं हर कोच की जांच के लिए ऑटोमेटिक डिवाइस का इस्तेमाल किया जाएगा.
रेलवे के बिलासपुर सीपीआरओ ने बताया कि रेलवे की ओर से वंदे भारत ट्रेन के हरी झंडी नहीं मिली है. जैसे ही अनुमति मिलेगी तैयारियां शुरू कर दी जाएंगी. आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने रेल बजट में 400 वंदे भारत ट्रेन चलाने की घोषणा की थी. रेलवे के अनुसार गोंदिया और बिलासपुर में 50 करोड़ की लागत से वंदे भारत एक्सप्रेस कोचिंग डिपो तैयार किया जा रहा. जहां ट्रेनों की सफाई व मेंटेनेंस का काम किया जाएगा. साल 2023 के जुलाई तक कोचिंग डिपो बनकर तैयार हो जाएगा.
वंदेभारत भी करीब 130 से 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती है. एक बार में एक ट्रेन में 1128 यात्री सफर कर सकते हैं. सभी कोच में औटोमेटिक डोर लगे होते हैं. इसमें मेट्रो रेल की तरह जीपीएस आधारित ऑडियो विसुअल सूचना प्रणाली होती हैं. इसमें मनोरंजन, वाईफाई, आरामदायक कुर्सियां लगी होती हैं. बायो वैक्यूम टॉयलेट, साइड रिक्लाइनर की सुविधा दी गई है. बिना लोकोमोटिव इंजन के यह ट्रेन कम स्टेशनों पर रुकेगी.
दरअसल छत्तीसगढ़ में अधिकतर उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल के लोग निवासरत है. जिनका अपने प्रदेश आने जाने वाले यात्रियों की तादाद काफी ज्यादा है. लेकिन अच्छी एक्सप्रेस ट्रेनें नहीं होने की वहज से यात्रियों को परेशान होना पड़ता है. अब इन यात्रियों को राहत मिलेगी. इसके अलावा बिलासपुर जोन रेलवे का सबसे अधिक राजस्व वाले जोन में शामिल है. जिसके अनुसार अब बिलासपुर की अनदेखी नहीं की जाएगी. यहां अच्छी रेल सेवाओं की शुरुआत की जा रही है.