
नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (JDU), जो भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का हिस्सा था, ने मणिपुर में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार से आधिकारिक रूप से अपना समर्थन वापस ले लिया है। इसके बाद, विधानसभा में जेडीयू के एकमात्र विधायक, मोहम्मद अब्दुल नासिर, विपक्षी बेंच पर बैठेंगे।
JDU का बयान:
JDU ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि पार्टी की मणिपुर यूनिट राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन नहीं करती है। बयान में यह भी स्पष्ट किया गया कि मोहम्मद अब्दुल नासिर को सदन में विपक्षी विधायक के रूप में माना जाएगा। इस बदलाव के बाद, नासिर की विधानसभा में बैठने की व्यवस्था विपक्षी बेंच पर की गई है।
समर्थन वापसी की प्रक्रिया:
जेडीयू ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष को सूचित कर दिया है कि वह भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन वापस ले रही है। इसके बाद, विधानसभा में नासिर की बैठने की व्यवस्था विपक्षी बेंच में की गई।
पार्टी के विधायकों की स्थिति:
2022 के मणिपुर विधानसभा चुनावों में जेडीयू ने छह सीटें जीती थीं, लेकिन बाद में पांच विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया। इन विधायकों की अयोग्यता संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत स्पीकर के ट्रिब्यूनल के समक्ष लंबित है।
भाजपा सरकार पर कोई खतरा नहीं:
हालांकि जेडीयू ने अपना समर्थन वापस लिया है, लेकिन मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को कोई खतरा नहीं है। भाजपा के पास विधानसभा में मजबूत बहुमत है और वह स्थिर बनी हुई है। मणिपुर विधानसभा में भाजपा के पास 37 सीटें हैं, साथ ही नगा पीपुल्स फ्रंट के पांच विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी है।