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छत्तीसगढ़ के वनकर्मी 21 मार्च से हड़ताल पर हैं। इसके चलते जंगलों की सुरक्षा भगवान भरोसे हो गई है। गर्मी तेज होते ही प्रदेश भर के जंगलों में आग लगना शुरू हो गया है। भारतीय वन सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के 10 हजार 536 से अधिक जगहों पर आग लगी है। हालांकि, वन विभाग के अफसर वन समिति और फायर वाचर के जरिए आग को काबू में करने का दावा कर रहे हैं।
दूसरी, ओर जंगलों में लगी आग से वन्य प्राणी झुलसने लगे हैं और जंगल से निकल रहे हैं। सोमवार की शाम करीब छह बजे अचानकमार टाइगर रिजर्व में तेंदुआ टहलते हुए दिखाई दिया, जिसका वीडियो भी सामने आया है। माना जा रहा है कि जंगल में आग लगने के कारण ही वन्य प्राणी इधर-उधर भटक रहे हैं।
वनकर्मियों की हड़ताल 21 मार्च से चल रहा है। पिछले आठ दिन से कर्मचारी हड़ताल पर हैं। इधर, भीषण गर्मी शुरू होते ही जंगलों में आग लगने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। सामान्य तौर पर जंगलों में आग लगने का सीजन 16 फरवरी से 15 जून तक हर साल होता है। ऐसे में वनकर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से जंगलों में लगी आग तेजी से फैल रही है। जिसे बुझाने वाला भी कोई नहीं है। भारतीय वन सर्वेक्षण रिपोर्ट जंगलों में लगी आग का सैटेलाइट से निगरानी करता है। फारेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया ने इस सीजन में अभी तक 10 हजार 536 जगहों पर आग लगने का आंकड़ा दर्ज किया है।
आग से झुलसकर हिरण की हो गई थी मौत
बीते दिनों जंगल में आग लगने की वजह से मुंगेली-कवर्धा जिले के जंगल में एक हिरण आग से झुलस गया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी। जंगलों में आग लगने से सबसे ज्यादा खतरा वन्य प्राणियों पर मंडरा रहा है।