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रायपुर एयरपोर्ट में टैक्सी बुकिंग को लेकर विवाद खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. एयरपोर्ट में हर दिन इसको लेकर झगड़े हो रहे हैं. बाहर से कैब बुकिंग करने वालों से बदसलूकी की जा रही है. उन्हें गाड़ी में बैठने से भी रोका जा रहा है. शनिवार को भी विवाद हुआ. रायपुर एयरपोर्ट में सुबह करीब 11 बजे एक गर्भवती महिला अपने बेटे के साथ आई. उनकी पहले से ही कैब की बुकिंग थी. लेकिन एयरपोर्ट के टैक्सी वालों ने उन्हें कैब में बैठने नहीं दिया. इस वजह से वे 6-7 साल के बेटे के साथ करीब एक किलोमीटर तक पैदल ही चलती रहीं.
इस दौरान प्राइवेट टैक्सी वाला भी साथ चलता रहा. वो महिला को धमकी भी दे रहा था कि वो उसे किसी दूसरी टैक्सी में बैठने नहीं देगा. विवाद बढ़ता देख महिला राजेंद्रनगर थाने पहुंची. वहां कुछ टैक्सी वाले भी आ गए. थाने में भी टैक्सी वालों ने महिला से बहसबाजी की. पुलिसवालों ने दोनों पक्षों को शांत कराया और सुलह करा दिया. महिला ने भी अपनी शिकायत वापस ले ली. समझौता होने की वजह से पुलिस ने किसी भी पक्ष के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं की है.
रोज हो रहे झगड़े, देखकर भी कुछ नहीं करते अफसर
रायपुर एयरपोर्ट में टैक्सी वालों के रोज-रोज के विवाद ने आने-जाने वाले यात्रियों को परेशान कर दिया है. खासतौर पर जो बाहर से ओला, उबैर या दूसरी कंपनी की टैक्सी बुक कराकर आते हैं, उनसे विवाद किया जाता है. एयरपोर्ट की टैक्सी का ठेका जिस ट्रैवल्स कंपनी के पास है, उसमें ज्यादातर महिला कर्मचारी हैं. वे दूसरे टैक्सी ड्राइवरों से जानबूझकर विवाद करती हैं. जब मामला थाने पहुंचता है तो हर बार युवतियों के बजाय दूसरे पक्ष के खिलाफ मामला बन जाता है.
इसलिए ज्यादातर टैक्सी वाले इनसे विवाद करने से बचते हैं. चौंकाने वाली बात ये है कि इन मामलों में एयरपोर्ट अथॉरिटी के अफसर मूकदर्शक बने रहते हैं और कुछ भी नहीं कहते हैं. न तो ट्रैवल्स वालों को नोटिस दी जाती है और न ही प्राइवेट कंपनियों से सिस्टम सुधारने को कहा जाता है. अफसरों के सामने कई बार गाली-गलौज होता रहता है, पर वे बिना किसी को कुछ कहे आगे बढ़ जाते हैं.