दुनिया

शोध में वैज्ञानिकों ने किया नामीबिया के ‘जादुई गोलों’ का रहस्य, खुलासा 

नामीब रेगिस्तान (Namib Desert) के आसपास इलाकों में बहुत कम बारिश होती है, फिरभी यहां बेहद अजीब और ऊबड़-खाबड़ घास फैली हुई है. यहां का वातावरण काफी कठोर है, ऐसे में इतनी घास का उगना हैरान करता है. लेकिन हैरानी के साथ ये घास खुद में रहस्य भी समेटे है.  घास के इस मैदान में लाखों अजीब तरह के घेरे हैं, इन घेरों में किसी भी तरह की घास या दूसरा कोई पेड़-पौधा नहीं है.

दूर से देखने पर ये पोल्का डॉट पैटर्न की तरह नजर आते हैं. इन्हें फेयरी सर्कल्स (Fairy Circles) कहा जाता है.

यह जगह नामीबिया के तट से 80 से 140 किलोमीटर की दूरी पर है. घास के मैदान में ये गोले या घेरे, कई मील दूर से दिखने लगते हैं. एक सामान्य फेयरी सर्कल 2 से 10 मीटर तक बड़ा हो सकता है और बाकी घेरों से इसकी दूरी 10 मीटर होती है

वैज्ञानिक नामीबिया के इन अजीब घेरों की गुत्थी सुलझाने के लिए काफी समय से मेहनत कर रहे हैं. जिसमें दो थ्योरी अहम हैं. एक थ्योरी कहती है कि ये घेरे जड़ें खाने वाली दीमक की वजह से होते हैं, जबकि दूसरी थ्योरी के मुताबिक, ये घास पानी की उपलब्धता बढ़ाने के लिए खुद को व्यवस्थित करती है.

aamaadmi.in

ये रहस्‍यमी सर्कल लाखों की संख्‍या में हैं

इन घास के मैदान में ही बहुत लंबी दूरी तक ये गोल रहस्‍यमयी गोले यानी घेरे नजर आते हैं. इन घेरों में कोई ना तो पेड़ होता है और कुछ और नजर आता है. ये महज इत्‍तेफाक इसलिए नहीं माना जा सकता क्‍योंकि इनकी संख्‍या एक दो नहीं बल्कि लाखों की संख्‍या में है.

इन दोनों ही थ्योरी से वैज्ञानिक आश्वस्त तो थे, लेकिन 2016 में ऑस्ट्रेलिया में भी इसी तरह के गोले देखे गए, जहां दीमक का नामोमिशान तक नहीं था. जिसके बाद इन थ्योरी पर भरोसा करना ज़रा मुश्किल हो गया. अब हाल ही में की गई एक रिसर्च ने दूसरी थ्योरी को मज़बूती दी है जिसमें घास, कम बारिश का ज्यादा से ज्यादा फायदा पाने के लिए इस तरह के सर्कल बनाती है

शोधकर्ताओं के मुताबिक, इस इलाके में बहुत कम बारिश होती है. कभी-कभी बारिश के ठीक बाद फेयरी सर्कल के अंदर घास दिखाई देती है, लेकिन वे आम तौर पर जल्द ही मर जाती है, लेकिन किनारों की घास जीवित रहती है. शोधकर्ताओं ने यहां होने वाली बारिश को ट्रैक किया, घास, उनकी जड़ों और अंकुरों की जांच की बारिश के बाद घास किस परिस्थितियों में मरती है, इसकी जांच की. उन्होंने 2020 के शुष्क मौसम से 2022 की बरसात के अंत तक, हर आधे घंटे का डेटा रिकॉर्ड करने के लिए गोलों के अंदर और उसके आसपास मिट्टी की नमी मापने वाले सेंसर (Soil moisture sensor) लगाए.

शोध में पाया गया कि बारिश के दस दिन बाद, फेयरी सर्कल के अंदर बहुत कम घास आई और जो नई घास उग आई थी, वह मर रही थी. बारिश के बीस दिन बाद, सर्कल के अंदर उगी सारी घास मर गई थी, जबकि आसपास की घास हरी और मुलायम थी. गोले के अंदर मरी हुई घास की जड़ें, बाहर वाली घास की तुलना में लंबी थीं. क्योंकि वे पानी की तलाश के लिए मेहनत कर रही थीं. हालांकि शोधकर्ताओं को जड़ों पर दीमक लगने के सबूत नहीं मिले. सॉइल सेंसर से पता चला कि शुरुआती बारिश के बाद सर्कल के अंदर और बाहर मिट्टी की नमी कम हुई थी.

आसपास की घास मजबूत हो गई थी, लेकिन हर तरफ नमी खत्म हो गई थी. गेटज़िन कहते हैं कि नामिब में तेज़ गर्मी से घास स्थायी रूप से वाष्पित हो रही है और उनका पानी खत्म हो रहा है इसलिए, वे अपनी जड़ों के चारों ओर नम मिट्टी के वैक्यूम या खाली जगह बनाती हैं और पानी उस तरफ खींचा जाता है.

join whatsapp channel

delhi news today | cm delhi news | aap party delhi news | bjp party delhi news | congress party delhi news | air quality index delhi news | ani delhi news | ians delhi news today | PTI delhi news | delhi news crime | arvind kejariwal news | delhi news english | chhattisgarh news today | chhattisgarh news accident | chhattisgarh news aaj ki taaja khabar | aaj ka chhattisgarh news | aaj ki chhattisgarh news | bjp party chhattisgarh news | chhattisgarh news raipur | vishnudev say news chhattisgarh | chhattisgarh news channel samachar | छत्तीसगढ़ न्यूज़ चैनल | cg chhattisgarh news | congress chhattisgarh news | daily chhattisgarh news | dpr chhattisgarh news | digital chhattisgarh news | chhattisgarh news english | chhattisgarh news epaper | chhattisgarh news election | chhattisgarh news ed


aamaadmi.in अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरें

ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. aamaadmi.in पर विस्तार से पढ़ें aamaadmi patrika की और अन्य ताजा-तरीन खबरें

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
सेहत के लिए अमृत है करेला – 6 फायदे आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025: विजेता को ₹20 करोड़ रजत पाटीदार बने आरसीबी के नए कप्तान दलाई लामा को मिली जेड श्रेणी सुरक्षा